नववर्ष पंचांग वाचन

परंपरा की शुरुआत नववर्ष के पंचांग वाचन से होती है।
हर वर्ष, गाँव के विद्वान पंडित नव संवत्सर की भविष्यवाणियाँ और शुभ-अशुभ मुहूर्त बताते हैं। यह आयोजन संस्कृति, ज्योतिष और आध्यात्म का अद्भुत संगम होता है।

जलजूलनी एकादशी

भक्ति, आस्था और उत्सव का मिलन – जलजूलनी एकादशी।
गाँव में भगवान की शोभायात्रा, ढोल-नगाड़ों के साथ नदी या बावड़ी तक ले जाई जाती है, जहाँ पूजा-अर्चना के बाद जलभरण होता है। यह परंपरा सामूहिकता और श्रद्धा का प्रतीक है।

गैर एवं डांडिया उत्सव

रंग, संगीत और नृत्य का त्यौहार – गैर और डांडिया।
नवरात्रि और होली जैसे पर्वों पर पूरा गाँव परंपरागत वेशभूषा में थिरकता है, और सामूहिक नृत्य व मेल-मिलाप का अद्भुत दृश्य बनता है।

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